कोरबा महापौर पद की दौड़ : रेखा त्रिपाठी की दावेदारी से मुकाबला हुआ दिलचस्प

कोरबा। कोरबा महापौर पद के लिए कांग्रेस में दावेदारों की बढ़ती संख्या ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। जहां एक ओर रेनू अग्रवाल, अर्चना उपाध्याय और उषा तिवारी जैसे नाम प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, वहीं रेखा त्रिपाठी ने भी अपनी दावेदारी ठोक कर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।

रेखा त्रिपाठी का मजबूत राजनीतिक सफर:

रेखा त्रिपाठी कांग्रेस की एक अनुभवी और सशक्त नेता हैं। 1989 से महिला कांग्रेस इकाई अध्यक्ष के रूप में अपने सफर की शुरुआत करने वाली रेखा ने 1992 में ब्लॉक अध्यक्ष महिला कांग्रेस कटघोरा और 1993 में जिला उपाध्यक्ष महिला कांग्रे बिलासपुर के रूप में अपनी पहचान बनाई। 1998 में सेवादल कांग्रेस बोर्ड की सदस्य मनोनीत होने के बाद, उन्होंने संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।

महिला कांग्रेस में अहम भूमिका:

रेखा त्रिपाठी वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष महिला कांग्रेस का दायित्व संभाल रही हैं और कोरबा लोकसभा महिला कांग्रेस प्रभारी के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन 2018 में तानाखार विधानसभा की पर्यवेक्षक के रूप में हुआ। 2023 के पार्टी सदस्यता अभियान में 11वें स्थान पर रहते हुए उन्होंने अपनी सक्रियता को साबित किया।

महापौर पद की प्रबल दावेदार:

रेखा त्रिपाठी ने नगर निगम में मनोनीत पार्षद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। अब उन्होंने कोरबा महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है। उनके संगठनात्मक अनुभव, महिला नेतृत्व में भूमिका और जनता के प्रति समर्पण ने उनकी दावेदारी को और मजबूत किया है।

सियासी मुकाबला हुआ रोचकः

रेनू अग्रवाल, अर्चना उपाध्याय और उषा तिवारी जैसे कद्दावर नामों के बीच रेखा त्रिपाठी की दावेदारी ने मुकाबले को और कड़ा बना दिया है। कोरबा महापौर पद के लिए यह सियासी दौड़ अब कांग्रेस के भीतर एक दिलचस्प संघर्ष का रूप ले रही है।

रेखा त्रिपाठी का कहना है कि कोरबा के विकास और जनहित के लिए उनका विजन स्पष्ट है। उनकी दावेदारी ने यह संकेत दिया है कि कोरबा की जनता के लिए कांग्रेस पार्टी एक सशक्त और अनुभवपूर्ण नेतृत्व लाने को तैयार है।